पेशावर: पाकिस्तान में आतंकवाद अपने चरम पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, TTP ने अफगानिस्तान की बॉर्डर से सटे खैबर पख्तूख्वा में एक पाकिस्तानी सैनिक को गोलियों से भूनकर उसका सिर सरेआम एक बाजार में पेड़ से लटका दिया। लाश के साथ TTP ने एक धमकी भरी चिट्ठी भी छोड़ी। इसमें स्थानीय लोगों को चेतावनी दी गई कि कोई भी मरने वाले के जनाजे में शामिल न हो, वरना बहुत बुरा होगा।
जानकारी के अनुसार मारे गए पाकिस्तानी फौजी का नाम रहमान जमान बताया गया है। अफगानिस्तान के जर्नलिस्ट सुहैब जुबेरी ने सोशल मीडिया पर तालिबान क्रूरता की जानकारी दी है। कुछ और लोगों ने भी इस बारे में सोशल मीडिया पर ही जानकारी दी है। हैरानी की बात यह है कि पाकिस्तान फौज या सरकार की तरफ से इस बारे में अब तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
नोबेल पीस प्राइज़ विनर पाकिस्तान की एक्टिविस्ट मलाला यूसुफजई के पिता जियाउद्दीन ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसी क्षेत्र की एक अन्य घटना को लेकर पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई। जियाउद्दीन ने लिख कि सोमवार देर रात बन्नू जिले के अहम खेल क्षेत्र के एक घर में टीटीपी आतंकवादियों ने रहमानउल्लाह और उनके बेटे की गोली गोली मारकर हत्या कर दी। बाद में रहमानउल्लाह का शव एक पेड़ से लटका दिया। जियाउद्दीन ने इस घर में बची इकलौती10 साल की बच्ची की तस्वीर भी शेयर की है।
तहरीक-ए-तालिबान यह एक पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन है। इसे पाकिस्तान में तालिबान कहा जाता है। इस आतंकी संगठन की स्थापना दिसम्बर 2007 में होना बताई जाती है। यह पाकिस्तान में अफगानिस्तान बॉर्डर के पास कबायली इलाकों में एक्टिव है। यह पाकिस्तान में भी इस्लामिक शासन चाहता है। यानी शरिया कानून। इस आतंकवादी संगठन पर 2014 में पाकिस्तान के पेशावर में आर्मी स्कूल पर हमला करने का आरोप है। इस हमले में 132 बच्चों समेत 149 लोगों की मौत हो गई थी।