नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को कहा कि कुछ हाईकोर्ट जज अपने काम को सही तरीके से पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे जजों के प्रदर्शन का मूल्यांकन होना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा- हम हाईकोर्ट के जजों के लिए स्कूल प्रिंसिपल की तरह बर्ताव नहीं करना चाहते, लेकिन यह जरूरी है कि हर जज के पास खुद का एक मैनेजमेंट सिस्टम हो, ताकि उनकी डेस्क पर फाइलों का ढेर न लगे। बेंच ने कहा कि कुछ जज दिन-रात मेहनत करते हैं और केसों का बेहतरीन निपटारा कर रहे हैं, लेकिन कुछ जज ऐसे भी हैं जो किसी कारणवश काम नहीं कर पा रहे हैं। कारण अच्छे हों या बुरे, हम नहीं जानते, लेकिन यह स्थिति चिंताजनक है।
बेंच ने कहा,

सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले में कहा गया है कि अगर कोई कोर्ट सिर्फ फैसले का ऑपरेटिव पार्ट सुनाता है, तो उसे 5 दिन के भीतर उसका कारण भी बताना होगा। जब तक सुप्रीम कोर्ट इस समय सीमा में बदलाव नहीं करता, हाईकोर्ट को इसका पालन करना होगा।