हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर बढ़ते कर्ज का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को घेरा है। हुड्डा का कहना है कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते आज प्रदेश पर 3 लाख 11 हजार 779 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया।
हुड्डा ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि हरियाणा के हर परिवार पर लगभग 6 लाख रुपये का कर्ज है। हुड्डा ने इस बात पर चिंता जताई कि प्रदेश में ऋण वृद्धि की दर विकास दर से भी ज्यादा है। प्रदेश की ऋण वृद्धि दर 18 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि रिसर्च फर्म इक्रा की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कांग्रेस सरकार के दौरान खेती में अग्रणी राज्यों में रहने वाले हरियाणा की कृषि विकास दर माइनस 2.5 प्रतिशत तक गिर गई है।
चंडीगढ़ में अपनी पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि कृषि विकास दर में हरियाणा टाप 10 राज्यों में भी शामिल नहीं है। हरियाणा की औद्योगिक विकास ग्रोथ माइनस 1.7 प्रतिशत पर रह गई है। सर्विस सेक्टर की बात की जाए तो वहां पर भी हरियाणा बुरी तरह पिछड़ा है। सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट माइनस 6.8 प्रतिशत है।
हुड्डा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के आठ साल के कार्यकाल के दौरान हरियाणा में कोई भी मेडिकल कालेज, बड़ी यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर का संस्थान, नई रेलवे या मेट्रो लाइन, कोई बड़ा उद्योग या परियोजना हरियाणा में नहीं आए। बावजूद इसके सरकार द्वारा लाखों करोड़ रुपये का कर्ज लेना समझ से परे है। सरकार को बताना चाहिए कि आखिर इतना कर्ज कहां खर्च हुआ।
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हरियाणा में पांच पावर प्लांट स्थापित हुए। इनमें एक न्यूक्लियर प्लांट भी शामिल था, जबकि मौजूदा सरकार के आठ साल में कोई भी पावर प्लांट हरियाणा में नहीं लगा। यही वजह है कि हरियाणा में बिजली उपलब्धता की जो विकास दर 10 प्रतिशत थी, वह आज घटकर सिर्फ 2 प्रतिशत रह गई है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार को किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने चाहिए। ऐसा न कर सरकार अपने वादे से मुकर रही है। सरकार ने किसानों को वेबपोर्टल के हवाले कर दिया है। बाजरा उत्पादक किसानों की भावांतर भरपाई योजना के तहत भी भरपाई नहीं की जा रही है। गन्ने का सीजन शुरू होने के बावजूद सरकार ने अब तक नए भाव का ऐलान नहीं किया है। किसानों को कम से कम 400 प्रति क्विंटल का रेट मिलना चाहिए।
विपक्ष के नेता ने सरकारी विभागों में 1 लाख 82 हजार पद खाली होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में और भी हजारों पद सृजित करने की आवश्यकता है ताकि प्रदेश के लोगों को सरकारी विभागों में होने वाली असुविधा से छुटकारा दिलवाया जा सके। सरकार की बांड पालिसी और फीस बढ़ोतरी के खिलाफ मेडिकल स्टूडेंट्स लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन सरकार विद्यार्थियों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। विद्यार्थियों की मांग को कांग्रेस विधानसभा के आने वाले सत्र में उठाएगी।