चुनाव आयोग (ECI) ने शनिवार को वोट चोरी के आरोप लगाए जाने पर राजनीतिक दलों और नेताओं को कड़ी नसीहत दी। आयोग ने कहा कि अब पुराने चुनावों की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाना गलत है, क्योंकि इसके लिए तय प्रक्रिया और समय पहले से था। आयोग ने प्रेस नोट जारी कर कहा,

वोटर लिस्ट तैयार करने की पूरी प्रक्रिया में राजनीतिक दल भी शामिल रहते हैं। लेकिन कई पार्टियों और उनके बूथ लेवल एजेंट्स ने ड्राफ्ट लिस्ट को सही से नहीं देखा और न ही समय रहते कोई आपत्ति दर्ज कराई।
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 7 अगस्त को वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया था। इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलकर कर्नाटक में लोकसभा और हरियाणा-महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था।
EC बोला- वोटर लिस्ट में गड़बड़ी तो समय पर आपत्तियां दर्ज करवाते
चुनाव आयोग ने बताया कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी या त्रुटि की शिकायतें ‘क्लेम्स और ऑब्जेक्शंस’ की तय अवधि में की जानी चाहिए थीं। उस दौरान आपत्तियां दर्ज कराई जातीं तो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) उनकी जांच कर सुधार कर सकते थे।
ECI ने कहा कि बीते चुनावों की वोटर लिस्ट पर अब शिकायत करना सिर्फ शोर मचाना है, जबकि सही समय पर कोई पहल नहीं की गई थी। आयोग ने दोहराया कि भविष्य में अगर किसी को आपत्ति है तो वे तय प्रक्रिया और समय के भीतर ही दर्ज कराए।
वोटर लिस्ट गड़बड़ी पर राहुल और विपक्ष के आरोप
12 अगस्त : राहुल ने कहा था- पिक्चर अभी बाकी है
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 12 अगस्त को कहा था, ‘केवल एक सीट नहीं, बल्कि बहुत सी सीटें हैं, जहां वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की जा रही है। यह नेशनल लेवल पर सिस्टमेटिकली किया जा रहा है।’ बिहार की अपडेट हुई वोटर लिस्ट में 124 साल की ‘फर्स्ट टाइम’ वोटर मिंता देवी के सवाल पर राहुल ने कहा- हां, मैंने उसके बारे में सुना है। ऐसे एक नहीं, अनलिमिटेड केसेस हैं। पिक्चर अभी बाकी है।
राहुल ने कहा था-

चुनाव आयोग यह जानता है और हम भी जानते हैं। पहले कोई सबूत नहीं था, लेकिन अब हमारे पास सबूत हैं। हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं। एक व्यक्ति एक वोट संविधान की नींव है। EC का कर्तव्य है कि वो ‘एक व्यक्ति एक वोट’ को लागू करे, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। हम ऐसा करते रहे हैं और करते रहेंगे।