आदमपुर उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले भव्य बिश्नोई ने आज विधायक पद की शपथ ली। चंडीगढ़ स्थित विधानसभा सचिवालय में स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने भव्य बिश्नोई को शपथ दिलाई है। इस दौरान उनके साथ पिता कुलदीप बिश्नोई और माता रेणुका बिश्नोई भी मौजूद रहीं। बता दें कि आदमपुर विधानसभा सीट उनके पिता कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। बीजेपी के भव्य बिश्नोई ने 67,376 वोट हासिल कर कांग्रेस के जयप्रकाश को हराकर जीत दर्ज की थी। बता दें कि आदमपुर के 56 साल के इतिहास में तीन बार उपचुनाव हो चुका है। खास बात यह है कि तीनों ही बार भजनलाल परिवार ने उपचुनाव में जीत हासिल की है। आदमपुर में सबसे पहला उपचुनाव साल 1998 में हुआ , जब तत्कालीन विधायक भजनलाल करनाल से लोकसभा सांसद चुने गए। तब उपचुनाव में भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने जीत हासिल कर आदमपुर की राजनीति में कदम रखा। साल 2008 में भजनलाल को दल बदल कानून के चलते अयोग्य करार दिया गया। तब उन्होंने अपनी नई पार्टी हजकां से उपचुनाव लड़ा और कांग्रेस के रंजीत सिंह को 26,188 वोटों से हराया था। इसी प्रकार आदमपुर में तीसरा उपचुनाव साल 2011 में हुआ। दरअसल 3 जून 2011 को हिसार से लोकसभा सांसद रहते हुए चौधरी भजनलाल की मृत्य हो गई। तब उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई आदमपुर से विधायक थे। कुलदीप बश्नोई ने विधायक पद से इस्तीफा देकर हजकां की सीट पर हिसार से लोकसभा उपचुनाव लड़ा और जीत गए। कुलदीप के इस्तीफे से खाली हुई आदमपुर सीट पर उनकी पत्नी रेनुका बिश्नोई ने उपचुनाव में किस्मत आजमाई। तब रेनुका ने कांग्रेस के कुलवीर सिंह को 22,669 वोटों से शिकस्त देकर आदमपुर में भजनलाल परिवार के जीत के रिकॉर्ड को बरकरार रखा था।