Thursday, October 9, 2025
जनता का सबसे लोकप्रिय समाचार पत्र
Android App
Haryananewsflash
  • होम
  • देश
  • प्रदेश
    • हरियाणा
      • पंचकुला
      • पानीपत
      • फतेहाबाद
      • जींद
      • झज्जर
      • यमुनानगर
      • रेवाड़ी
      • रोहतक
      • सिरसा
      • हिसार
      • सोनीपत
      • करनाल
      • भिवानी
      • गुड़गांव
      • कैथल
      • फरीदाबाद
      • महेंद्रगढ़
      • चरखी दादरी
      • नूह
    • पंजाब
      • अमृतसर
      • गुरदासपुर
      • जालंधर
      • तरनतारन
      • पटियाला
      • पठानकोट
      • फरीदकोट
      • भटिंडा
      • लुधियाना
    • उत्तर प्रदेश
      • वाराणसी
      • लखनऊ
      • आगरा
      • बलिया
      • मुज़फ्फरनगर
      • रायबरेली
    • हिमाचल प्रदेश
      • ऊना
      • कांगड़ा
      • कुल्लू
      • चंबा
      • धर्मशाला
      • मंडी
      • शिमला
    • चंडीगढ़
    • दिल्ली
    • बैंगलोर
    • महाराष्ट्र
  • दुनिया
  • खेल
  • ट्रेंडिंग
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • E-PAPER
  • Privacy Policy
  • about-us
No Result
View All Result
Haryananewsflash
No Result
View All Result
Home चंडीगढ़

फोर्टिस मोहाली के डॉक्टरों ने मुश्किलों को मात दी और सफल सर्जरी की: परमानेंट पेसमेकर इम्प्लांट सर्जरी से 1.6 किलोग्राम के नाज़ुक नवजात शिशु की जान बचाई

- धीमी धड़कन को नियंत्रित करने के लिए बच्चे के दिल में एक बैटरी-पॉवर्ड डिवाइस डाली गई

September 22, 2025
0
फोर्टिस मोहाली के डॉक्टरों ने मुश्किलों को मात दी और सफल सर्जरी की: परमानेंट पेसमेकर इम्प्लांट सर्जरी से 1.6 किलोग्राम के नाज़ुक नवजात शिशु की जान बचाई

पंचकूला, 22 सितंबर, 2025: नवजात बच्चों की कार्डिक केयर (दिल की देखभाल) में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक कार्डिक साइंसिज ने परमानेंट पेसमेकर इम्प्लांट सर्जरी के माध्यम से 1.6 किलोग्राम कम वज़न वाले नवजात शिशु की जान सफलतापूर्वक बचाई है। सर्जरी के बाद फॉलोअप जांच के दौरान, 24 सप्ताह की गर्भवती महिला को सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (एसएलई) का पता चला – एक ऑटोइम्यून रोग, जिसमें शरीर के इम्यून सिस्टम पर हमला होता है और ये हेल्दी टिश्यूज, जोड़ों, किडनियों, फेफड़ों और मस्तिष्क पर हमला करते है।

मामले से जुड़े उच्च जोखिम को देखते हुए, महिला की साप्ताहिक जांच के साथ बारीकी से निगरानी की गई। 29वें सप्ताह में, अल्ट्रासाउंड से पता चला कि शिशु की हार्ट बीट यानि दिल की धड़कन बेहद कम होकर 32 धड़कन प्रति मिनट (गंभीर ब्राडकार्डिया) हो गई थी, और उसमें कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (हृदय शरीर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता) के लक्षण दिखाई दिए, साथ ही हाइड्रॉप्स फीटालिस (फीटस के टिश्यूज और अन्य प्रमुख अंगों में अत्यधिक तरल पदार्थ जमा होना) भी दिखाई दिया। महिला का तुरंत एक इमरजेंसी लोअर सेगमेंट सीजेरियन सेक्शन (एलएससीएस) किया गया और शिशु को नियोनटाल इंटेसिव केयर यूनिट में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। उसके बाद डॉ. रजत गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक कार्डिक साइंसिज, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली  द्वारा एक टेम्प्ररेरी पेसमेकर लगाया गया।

इस तरह के इंटरवेंशंस के दौरान, जहां नवजात शिशु का वजन कम होता है, पेसमेकर इमप्लांट के लिए अत्यधिक सटीकता की आवश्यकता होती है। नवजात शिशु के हृदय गति रुकने और समय से पहले जन्म के लिए भी एनआईसीयू में उसका प्रबंधन किया गया। स्थिर होने के बाद, शिशु की परमानेंट पेसमेकर इमप्लांट सर्जरी डॉक्टरों की एक टीम द्वारा की गई। इस टीम का नेतृत्व डॉ. टीएस महंत, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस), फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली; डॉ. आलोक सूर्यवंशी, सीनियर कंसल्टेंट, सीटीवीएस, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली; और डॉ. रजत गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक कार्डिक साइंसिज, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने किया। इससे शिशु के दिल की धड़कन को स्थिर करने और दिल के कार्य को सहारा देने में मदद मिली।

सर्जरी में धीमी या क्षतिग्रस्त हार्टबीट को नियंत्रित करने के लिए शिशु के दिल में एक बैटरी-पॉवर्ड डिवाइस लगाया गया। सर्जरी के बाद शिशु की रिकवरी काफी बेहतर रही और सर्जरी के पांच दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

इस मामले पर चर्चा करते हुए, डॉ. टीएस महंत, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, सीटीवीएस, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने कहा कि “यह असाधारण मामला जल्दी डायग्नोसिस,  कोऑर्डिनेटेड मल्टीडिसप्लनरी केयर और एडवांस्ड कार्डिक इंटरवेंशंस की उपलब्धता के महत्व को उजागर करता है। बच्चा अब तीन महीने का है और स्वस्थ जीवन जी रहा है। जन्मजात ही हार्ट में होने वाले विकारों का जल्द पता लगाने के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। इन जन्मजात दोषों का समय पर इलाज न करने से बच्चे के दिल को कभी बेहतर न होने वाली क्षति हो सकती है।”

फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली का डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक कार्डिक साइंसिज इस क्षेत्र का एकमात्र सेंटर है जहां न केवल पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश, बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका से भी मरीज आते हैं।

SendShare198Tweet124Share
ADVERTISEMENT
Haryananewsflash

Copyright © 2022 Haryananewsflash.

Navigate Site

  • About
  • Advertise Contact
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • होम
  • देश
  • प्रदेश
    • हरियाणा
      • पंचकुला
      • पानीपत
      • फतेहाबाद
      • जींद
      • झज्जर
      • यमुनानगर
      • रेवाड़ी
      • रोहतक
      • सिरसा
      • हिसार
      • सोनीपत
      • करनाल
      • भिवानी
      • गुड़गांव
      • कैथल
      • फरीदाबाद
      • महेंद्रगढ़
      • चरखी दादरी
      • नूह
    • पंजाब
      • अमृतसर
      • गुरदासपुर
      • जालंधर
      • तरनतारन
      • पटियाला
      • पठानकोट
      • फरीदकोट
      • भटिंडा
      • लुधियाना
    • उत्तर प्रदेश
      • वाराणसी
      • लखनऊ
      • आगरा
      • बलिया
      • मुज़फ्फरनगर
      • रायबरेली
    • हिमाचल प्रदेश
      • ऊना
      • कांगड़ा
      • कुल्लू
      • चंबा
      • धर्मशाला
      • मंडी
      • शिमला
    • चंडीगढ़
    • दिल्ली
    • बैंगलोर
    • महाराष्ट्र
  • दुनिया
  • खेल
  • ट्रेंडिंग
  • मनोरंजन
  • बिजनेस
  • E-PAPER
  • Privacy Policy
  • about-us

Copyright © 2022 Haryananewsflash.