हिसार: हरियाणा के हिसार के गांव शिकारपुर में किन्नरों से परेशान होकर एक परिवार को डायल 112 बुलानी पड़ी। दरअसल, गांव शिकारपुर में मसुदीराम घोड़ेला के परिवार में 6 दिन पहले पोते का जन्म हुआ था। इसकी खबर किन्नरों को चली तो वह बधाई मांगने पहुंच गए।किन्नरों ने बधाई में 1 लाख रुपए की डिमांड की मगर परिवार ने कहा कि हमारे खेत पानी में डूबे हुए हैं और अभी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। परिवार ने अपनी खुशी से 5 हजार रुपए किन्नरों को देने चाहे तो उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद किन्नरों ने तेज-तेज बोलना शुरू कर दिया। शर्म के मारे परिवार 2 हजार रुपए और देने पर राजी हुआ मगर किन्नर अड़े रहे। इसके बाद किन्नरों ने 51 हजार देने को कहा मगर परिवार ने कहा इतने पैसे हम नहीं दे सकते। इसके बाद 21 हजार मांगे मगर परिवार ने कहा कि आप किसी की मजबूरी समझो और जो हम खुशी से दे रहे हैं वो ले लो। इसके बाद किन्नरों ने 11000 रुपए मांगते हुए कहा कि इससे कम अब हम नहीं लेंगे। 2 घंटे तक हंगामे के बाद परिवार 2000 और देने को तैयार हो गया। मगर किन्नर अड़े रहे।
पिता प्रवीण बोला-हम 9000 तक दे सकते थे
पिता प्रवीण ने बताया कि किन्नरों को हमने 9000 रुपए तक देने को राजी हो गए ताकि वह बेटे को आशीर्वाद दे सके। मगर किन्नर 11 हजार रुपए लेने पर अड़ गए। कई देर तक जब वो नहीं मांगे तो मजबूर होकर मुझे डायल 112 बुलानी पड़ी। प्रवीण ने बताया कि हम अपनी खुशी से जो रकम दे रहे हैं उसे किन्नरों को ले लेना चाहिए था मगर वह जिद पर अड़ गए और हंगामा करने लगे।
डायल 112 आई तो किन्नरों के तेवर ढीले पड़े
वहीं डायल 112 के बाद किन्नरों के तेवर ढीले पड़ गए। डायल 112 में पहुंचे पुलिसकर्मी संदीप कुमार ने बताया कि किन्नरों के मामले में वह आए हैं। परिवार का आरोप है कि किन्नर जबरदस्ती कर रहे हैं और मान नहीं रहे।
पुलिसकर्मियों ने कहा कि बाद में किन्नर परिवार की मर्जी से पैसे लेने पर राजी हो गए। परिवार की ओर से कोई लिखित में शिकायत नहीं दी गई। किन्नरों को चेताया गया है कि आगे से इस तरह की बात दोबारा आएगी तो कार्रवाई की जाएगी।
किन्नरों का कहना है कि यह नौकरी पेशे वाला परिवार
वहीं किन्नरों का कहना है कि यह परिवार नौकरी पेशे वाला परिवार है इसलिए यहां हमने 11000 रुपए मांगे। गांव में गरीब घरों में हम 200 से 300 रुपए भी लेते हैं। मगर परिवार नहीं माना। परिवार जो खुशी से देगा हम ले लेंगे। वहीं परिवार का कहना है कि हम 9 हजार रुपए के साथ गुड़, चीनी, अनाज और 2 सूट दे रहे थे मगर वह नगद 11 हजार रुपए मांग रहे थे। अब जब परिवार के पास गुंजाइश ही इतने की हो तो जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।