हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा के मर्डर केस में अब रोहतक PGI के डॉक्टरों की रिपोर्ट का इंतजार है। भिवानी में मनीषा के शव के पोस्टमॉर्टम के बाद 10 सैंपल जांच के लिए गए हैं। इस केस में PGI और मधुबन फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की रिपोर्ट अहम साबित हो सकती है।
PGI में 3 डॉक्टरों के पैनल ने दूसरी बार मनीषा के शव का पोस्टमॉर्टम किया। PGI एक्सपर्ट्स के पास मनीषा की जो बॉडी पहुंची, उसमें कई ऑर्गन नहीं थे। ये ऑर्गन भिवानी में मनीषा का पहला पोस्टमॉर्टम करने वाले मेडिकल बोर्ड ने विसरा जांच के लिए निकाल लिए थे। इसलिए PGI के डॉक्टरों ने मनीषा के इंटरनल ऑर्गन पर भिवानी के डॉक्टरों की ओपिनियन रिपोर्ट और फॉरेंसिक (FSL) रिपोर्ट मांगी।
इसके अलावा PGI के डॉक्टरों ने वे कपड़े भी मंगवाए हैं, जो डेडबॉडी मिलने के समय मनीषा के शरीर पर थे। PGI के मेडिकल एक्सपर्ट्स भिवानी से मिली ऑर्गन ओपिनियन रिपोर्ट के साथ अपनी ओपिनियन मिलाकर नई रिपोर्ट तैयार करेंगे। जो इस केस में काफी अहम साबित हो सकती है।
मेडिकल सूत्रों के अनुसार, पोस्टमॉर्टम में ह्यूमन बॉडी के हार्ट, लंग्स, लीवर, किडनी, यूटरस वगैरह को एग्जामिन किया जाता है। इस केस में भिवानी के डॉक्टरों ने “वैजाइना का सैंपल” भी भेजा है। पहले पोस्टमॉर्टम में शारीरिक शोषण होने की पुष्टि नहीं हुई।
कपड़ों पर खून के धब्बे नहीं, गले के अलावा चोट के निशान नहीं
बताया जा रहा है कि भिवानी में पोस्टमॉर्टम के दौरान यह सामने आया कि मनीषा के शरीर पर जो कपड़े थे, उन पर खून के धब्बे नहीं मिले हैं। सिर्फ गर्दन पर धारदार हथियार के निशान थे। शरीर पर बाकी कहीं चोट के निशान नहीं मिले हैं। शरीर के कुछ अंग जानवरों द्वारा खाए हुए मिले।
मामला संवेदनशील होने की वजह से सैंपल जल्दी पहुंचाए
सामान्य मामलों में विसरा यानी आंतरिक अंगों जैसे फेफड़े, हृदय, आंत, जिगर आदि के नमूने डॉक्टर ही आगे भेजते हैं। लेकिन मामला संवेदनशील होने की वजह से पुलिस खुद ये सैंपल लेकर पीजीआई गई। पीजीआई से भी जल्द इस पर रिपोर्ट देने का आग्रह किया गया है, ताकि केस में अहम सुराग लग सके।