हरियाणा के सिरसा में बिश्नोई समाज के वरिष्ठ संत स्वामी राजेंद्रानंद का शुक्रवार को निधन हो गया था। आज हरिद्वार के बिश्नोई आश्रम में उनकी पार्थिव देह अंतिम दर्शनों के लिए रखी जाएगी। इसके बाद बिश्नोई धर्म की रीति रिवाज अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
स्वामी राजेंद्रानंद इन दिनों सिरसा के डबवाली स्थित बिश्नोई मंदिर में जाम्भाणी कथा का आयोजन कर रहे थे। जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह शोभायात्रा का नेतृत्व करने के बाद मंदिर की धर्मशाला में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तत्काल डबवाली के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें बठिंडा (पंजाब) रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।
जानकारी अनुसार, 6 नवंबर 1973 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर में जन्मे स्वामी राजेंद्रानंद ने अपना समूचा जीवन गौ सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। वे हरिद्वार आश्रम में निवास करते थे। उनके निधन के कारण हिसार बिश्नोई मंदिर में शनिवार को होने वाला कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।
2 महीने पहले अमित शाह से मिले थे
लगभग दो माह पूर्व उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उनकी कथाओं में केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी श्रद्धालु के रूप में उपस्थित हुए थे। उनके निधन से बिश्नोई समाज में शोक की लहर है। समाज के कई प्रमुख लोगों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। स्वामी राजेंद्रानंद गायों की सेवा के लिए कथाएं करते थे और उसमें मिलने वाला सारा दान गौ कल्याण के लिए दे देते थे। वह अकसर हिसार, फतेहाबाद और आसपास के क्षेत्रों में जाकर गौ सेवा का प्रचार करते थे। भाजपा नेता एवं पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने शोक जताते हुए कहा कि स्वामी राजेंद्रानंद का अचानक दिल का दौरा पड़ने से देहांत होना बेहद दुखद है। यह उनके सभी अनुयायियों और मेरे लिए एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती।
शोभा यात्रा से आने के बाद सीने में दर्द हुआ
स्वामी राजेंद्रानंद के अंतिम समय में उनके साथ रहे शिष्य संजय ने बताया कि गुरु शोभा यात्रा से आए तो उनके सीने में तेज दर्द शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि मेरे सीने में दर्द है। इसके बाद वह गाड़ी में खुद बैठकर अस्पताल गए।
रास्ते में जब दर्द बढ़ गया तो उन्होंने कहा कि मेरी सांसें अब टूट रही हैं। उन्होंने कहा कि यहीं तक मेरी किस्मत में गौ सेवा लिखी थी। इसके बाद उन्होंने आंखें बंद कर ली। उन्होंने विष्णु-विष्णु का जाप शुरू कर दिया। अस्पताल पहुंचते तक उन्होंने शरीर छोड़ दिया था।
9 जून को अमित शाह से की थी मुलाकात
स्वामी राजेंद्रानंद महाराज ने 9 जून को केंद्रीय गृहमंत्रालय में जाकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। राजेंद्रानंद की अगुआई में बिश्नोई समाज के वरिष्ठजनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की थी। इस दौरान उन्होंने 4 प्रमुख मांगें रखी थीं। इसमें बिश्नोई समाज को केंद्र में ओबीसी आरक्षण, जोधपुर एयरपोर्ट का नामकरण शहीद अमृता देवी बिश्नोई के नाम पर रखने, खेजड़ी वृक्षों की रक्षा और खेजड़ली को विश्व धरोहर घोषित करने की मांग शामिल थीं।