बांग्लादेश के विवादित मैप का मुद्दा संसद में भी उठा। भारत के 7 राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश के मैप में दिखाया गया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को राज्यसभा में सवाल उठाया। सुरजेवाला ने कहा- सरकार इस मुद्दे पर क्या कर रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लिखित जवाब में कहा- हम इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है। सरकार इस तरह के प्रोपेगेंडा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
अब जानिए क्या है पूरा मामला
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, विवादित नक्शा 14 अप्रैल, 2025 को ढाका यूनिवर्सिटी में आयोजित एक प्रदर्शनी में लगाया गया था। आरोप है कि ढाका में मौजूद इस्लामिक ग्रुप ‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ की तरफ से ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा तैयार किया गया है।
‘सल्तनत-ए-बांग्ला’ को ‘तुर्की यूथ फेडरेशन’ नाम एक तुर्की NGO का सपोर्ट है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस के आने के बाद तुर्की-बांग्लादेश संबंध मजबूत हुए हैं। तुर्की के NGO की एक्टीविटीज और मिलिट्री कोऑपरेशन में भी इजाफा हुआ है।
सुरजेवाला ने राज्यसभा में मुद्दा उठाया, 2 सवाल
- विवादित मैप को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से बांग्लादेश में तुर्की समर्थित एक कट्टरपंथी समूह के बारे में जानकारी मांगी थी। मैप में भारतीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों को शामिल करते हुए ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ नक्शे को बढ़ावा दिया गया है।
- कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या सरकार ने इस मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के साथ कूटनीतिक रूप से उठाया है और क्या सरकार ने बांग्लादेश में तुर्की और पाकिस्तान की बढ़ती भागीदारी के सुरक्षा निहितार्थों का आकलन किया है।