अगर आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI एप से बार-बार बैलेंस चेक करते हैं तो 1 अगस्त से ऐसा करने में आपको परेशानी हो सकती है। 1 अगस्त से आप एक दिन में 50 से ज्यादा बार UPI एप के जरिए बैलेंस चेक नहीं कर सकेंगे। ये बदलाव यूजर्स, बैंकों और मर्चेंट्स, सभी के लिए हैं।
यहां सवाल-जवाब के जरिए समझते हैं कि क्या बदल रहा है और इसका आप पर क्या असर होगा…
सवाल 1: UPI में कौन-कौन से नए नियम लागू हो रहे हैं?
जवाब: 1 अगस्त से UPI में कई बदलाव हो रहे हैं। सबसे बड़े बदलाव हैं:
- बैलेंस चेक करने की लिमिट: अब आप एक दिन में किसी एक UPI एप से 50 से ज्यादा बार अपना बैंक बैलेंस चेक कर पाएंगे।
- ऑटो-पे ट्रांजैक्शंस का समय: ऑटो-पे (जैसे EMI, सब्सक्रिप्शन या बिल पेमेंट) अब दिन में किसी भी समय नहीं, बल्कि तय समय स्लॉट्स में होंगे।
- ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक की लिमिट: अगर कोई पेमेंट अटक जाता है तो आप उसका स्टेटस सिर्फ 3 बार चेक कर सकते हैं, वो भी हर बार 90 सेकेंड के गैप के साथ।
सवाल 2: ये बदलाव क्यों किए जा रहे हैं?
जवाब: NPCI का कहना है कि UPI सिस्टम पर बहुत ज्यादा लोड पड़ रहा है, खासकर पीक ऑवर्स (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और शाम 5 से रात 9:30 बजे) में। बार-बार बैलेंस चेक करना या ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने से सिस्टम स्लो हो जाता है।
हाल में अप्रैल और मार्च 2025 में UPI में दो बड़े आउटेज (सिस्टम डाउन होने की घटनाएं) हुए, जिससे करोड़ों यूजर्स को परेशानी हुई। इन बदलावों से सिस्टम को तेज, भरोसेमंद और बिना रुकावट वाला बनाने की कोशिश है।