कुख्यात गैंगस्टर और घोषित आतंकी गोल्डी बराड़ की मौत की खबर फर्जी निकली। बीते बुधवार को दिनभर गैंगस्टर के अमेरिका में मरने की चर्चा रही, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी थी। एक अमेरिकी चैनल ने गोल्डी की मौत खबर चलाई थी। फिर एक चैनल को अमेरिकी पुलिस अधिकारी लैसली विलियम्स ने बताया था कि 2 व्यक्तियों को अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, जिसमें से एक की मौत हो चुकी है। हालांकि, इससे यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वह गोल्डी बराड़ ही है।
फिर देर रात कैलिफोर्निया के फ्रेस्नो पुलिस ने इस खबर का खंडन किया। ई-मेल के जरिए लेफ्टिनेंट विलियम जे. डूले ने जानकारी दी है कि बीते मंगलवार को कैलिफोर्निया के फेयरमोंट होटल के बाहर 2 युवकों को गोली मारी गई थी। इनमें से एक की मौत हो गई, वहीं दूसरे को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। इसके अलावा अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI ने इस गोलीकांड में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान हुस्नदीप सिंह और पवित्र सिंह के रूप में हुई है। अधिकारी ने दावा किया है कि मरने वाला युवक गोल्डी बराड़ नहीं है।
कौन है गोल्डी बराड़
बुधवार को दिनभर इस घटना की चर्चा होती रही। आखिर कौन है यह गोल्डी बराड़, जिसके पीछे केंद्रीय एजेसियों सहित कई राज्यों की इंटेलिजेंस टीमें लगी हुई हैं? आइए जानते हैं…
पंजाब पुलिस में ASI थे गोल्डी बराड़ के पिता
सतिंदरजीत सिंह उर्फ सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ का जन्म पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब शहर स्थित आदेश नगर की गली नंबर 3 के एक घर में 11 अप्रैल 1994 को हुआ था। गोल्डी के पिता शमशेर सिंह पंजाब पुलिस में बतौर ASI तैनात थे। गोल्डी की मां प्रीतपाल कौर हाउस वाइफ थीं। गोल्डी शुरू से क्रिमिनल एक्टिविटी में शामिल नहीं था। जब वह 2010 में पंजाब यूनिवर्सिटी में गया तो वह गैंगस्टरों के टच में आया। इससे पहले गोल्डी स्टेट लेवल का कबड्डी खिलाड़ी था। कॉलेज के दौरान उसकी मुलाकात लॉरेंस बिश्नोई से हुई। लॉरेंस तब छात्र राजनीति का बड़ा चेहरा था और गोल्डी के चचेरे भाई गुरलाल बराड़ का अच्छा मित्र था।
गुरलाल के जरिए दोनों मिले और काफी करीब हो गए। लॉरेंस और उसके गैंग के साथ मिलकर कॉलेज और चंडीगढ़ में कई वारदातें की गई, मगर तब किसी भी बड़े क्राइम में गोल्डी का नाम नहीं था। यह दोस्ती इतनी गहरी हो गई थी कि दोनों एक दूसरे से हर बात पर सलाह करते थे। यह सिलसिला करीब 2020 तक चला। तब तक गोल्डी मशहूर नहीं था।