संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन (18 दिसंबर) दोनों सदनों से 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं।
इनमें 30 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है, जबकि तीन कांग्रेस सांसदों की सदस्यता बहाली पर फैसला प्रिविलेज कमेटी लेगी। इन पर स्पीकर के पोडियम पर चढ़ने का आरोप है। इसके बाद राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। इसके चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया। इनमें से 34 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया, जबकि 11 सांसदों की सदस्यता पर फैसला प्रिविलेज कमेटी लेगी।
इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। इनमें कांग्रेस के 9, CPI (M) के 2, DMK और CPI के एक-एक सांसद थे। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को भी 14 दिसंबर को सस्पेंड किया गया था। शीतकालीन सत्र से अब तक कुल मिलाकर 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105, I.N.D.I.A के 64 और अन्य 76 हैं। इनमें से विपक्ष के 46 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, लोकसभा में इस समय सांसदों की संख्या 538 है। इसमें NDA के 329, I.N.D.I.A के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद सस्पेंड हो चुके हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक के. विक्रमराव के मुताबिक संसद से एक दिन में इतनी बड़ी संख्या में सदस्यों का निलंबन पहली बार हुआ है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच दी। कहा कि घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हंगामा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई। बाद में यह 2 बजे और फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। सांसदों के निलंबन के बाद लोकसभा कल (मंगलवार) तक के लिए स्थगित हो गई।