फतेहाबाद: एक तरफ केन्द्र सरकार महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कह रही है वहीं दूसरी ओर महिलाओं को उनके हकों को लेकर सडक़ों पर बैठा रखा है। हरियाणा में आशा वर्कर पिछले 45 दिनों से हड़ताल कर सडक़ों पर प्रदर्शन कर रही हैं लेकिन भाजपा सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है। यह बात आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान शीला शक्करपुरा ने फतेहाबाद में डीसी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी आशा वर्कर्स को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा पास किए गए महिला आरक्षण बिल को ढकोसला करार दिया। आज के धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान शीला शक्करपुरा ने की व संचालन जिला सचिव इंदू टोहाना ने किया।
धरने को सम्बोधित करते हुए आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान शीला शक्करपुरा ने बताया कि महिला आरक्षण एक तरह का जुमला है क्योंकि जब तक जनगणना नहीं होती तब तक महिला आरक्षण लागू नहीं होगा। सीएम द्वारा किए जा रहे जन संवाद कार्यक्रमों के बारे में आशा वर्करों ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्री जनता को मूर्ख बनाने का काम कर रहे है। जब प्रदेश की जनता संवाद करने लगती है तो उन्हें चांद पर भेजने, उठाकर बाहर फैंकने की बात खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री करते हैं। आशा वर्कर जब जन संवाद कार्यक्रम में अपनी बात रखने जाती है तो उनको बोलने तक नहीं दिया जाता। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 के बाद आशाओं का मानदेय एक पैसा भी नहीं बढ़ाया गया है जबकि महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। इससे आशा वर्करों में भारी रोष है। सरकार आशा वर्करों की मांग मानने की बजाए गुंडागर्दी पर उतरी हुई है। आशा वर्करों को घरों में ही नजरबन्द कर दिया जाता है जैसे ये कोई अपराधी हो। आशा वर्कर्स के आंदोलन को आज आंगनबाड़ी वर्कर एंड हेल्पर यूनियन ने भी अपना समर्थन दिया। सीटू जिला कैशियर बेगराज व जिला प्रधान जगीर सिंह ने बताया कि सरकार की हठधर्मिता से आम जनता को होने वाले नुकसान से प्रदेश सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा लेकिन आशा वर्कर भी अपनी मांगों से पीछे हटने वाली नहीं है। जब तक आशा वर्करों को पक्के कर्मचारी का दर्जा नहीं दिया जाता या न्यूनतम वेतन 26000 रुपए मासिक नहीं किया जाता तब तक हड़ताल ने आशा वर्कर नहीं उठेगी। इसके अलावा आशाओं की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए तथा आशाओं पर थौंपे जाने वाला ऑनलाइन काम खत्म नहीं किया जाए। आज के धरने को सीमा, बलजीत, सुमन, सुरेंद्र, सुशीला, कमल, रमन, मीना, कुसुम, नीमा, सरोज आदि ने सम्बोधित किया।