- विपुल मित्तल
शिमला: चितकारा यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश को नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एन.ए.ए.सी.)) ने ए प्लस रेटिंग दी है। इसके साथ ही चितकारा यूनिवर्सिटी देश के उन पांच प्रतिशत हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में शामिल हो गई है जिनको इस तरह की बेहतरीन ग्रेडिंग मिली हैं। यूनिवर्सिटी ने फोर पाइंट स्केल पर 3.42 क्युमुलेटिव ग्रेड पॉइंट एवरेज (सीजीपीए) हासिल किया है।
मूल्यांकन करने वाली टीम ने यूनिवर्सिटी की तीन मुख्य कारणों के लिए तारीफ की है। ये हैं यूनिवर्सिटी का बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर, यहाँ का हरा भरा और ईको फ्रेंडली कैंपस , यूनिवर्सिटी का सरकारी मान्यता प्राप्त इनक्यूबेशन और वाइब्रेंट स्टार्टअप इको-सिस्टम तथा टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, सभी हितधारकों – छात्रों, पूर्व छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों, प्रबंधन और बड़े पैमाने पर समुदाय के साथ शिक्षा, इनोवेशन और रिसर्च के लिए एक अच्छा तालमेल।
इस उपलब्धि पर चितकारा यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ अशोक के चितकारा ने कहा, “यह हमारे छात्रों, स्टाफ, व फेकल्टी की कई सालों की मेहतन का नतीजा है जिसके कारण यूनिवर्सिटी को यह पहचान मिल सकी है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी की अपनी अच्छी तरह से परिभाषित रिसर्च प्रमोशन पॉलिसी है जिसके कारण यूनिवर्सिटी में स्टेट ऑफ द आर्ट अत्याधुनिक उन्नत सुविधाएं विकसित हो सकी हैं। चितकारा यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड इनोवेशन नेटवर्क (CURIN) के पास मल्टी डिसिप्लिनरी एडवांस्ड फेसिटिलीज के साथ साथ सरकारी एजेंसियों के सहयोग से रिसर्च फंडिंग भी उपलब्ध हैं।
यूनिवर्सिटी एक “ग्लोबल वीक” कार्यक्रम की मेजबानी करता है जिसमें स्टूडेंट, फैकल्टी के सदस्यों को विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के साथ विनिमय कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिलता है और इसी कारण इंटरनेशनली फंडेड रिसर्च प्रोजेक्ट्स, इंटरनेशनल कांफ्रेसेस और यूनिवर्सिटी परिसर में सांस्कृतिक विसर्जन के अनुभवों के माध्यम से गतिशील सहयोग की स्थापना होती है। इस बेस्ट प्रेक्टिस के जरिए 250 ग्लोबल एक्सपर्ट, व 25000 छात्रों को फायदा पहुंच चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट के क्षेत्र में यूनिवर्सिटी कैंपस में सस्टेनेबल प्रेक्टिसेस का उपयोग किया जाता है और इसे जीरों डिस्चार्ज कैंपस का दर्जा क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया की तरफ से मिल चुका है।
यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉक्टर मधु चितकारा ने सभी हितधारकों के प्रति हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी ने स्टैंडराइज्ड प्रोसीसर्ज को अपनाते हुए पाठ्यक्रम को तैयार किया है जिसको नियमित अंतराल के बाद सभी हितधारकों के फीडबैक को लेने के बाद संशोधित किया जाता है। कोर्सों को तैयार करते समय स्थानीय, क्षेत्रीय व वैश्विक जरूरतों व रोजगार देने की योग्यता और उद्यमिता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है। ब्लेंडेड मोड के जरिए एक्सेस मेंटल , पार्टिसिपेटिव व प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग यूनिवर्सिटी में प्रैक्टिस में हैं। हमने फ्लेक्सिबल सीबीसीएस सिस्टम को अपनाया है जो कि छात्रों को मल्टीडिसीप्लिनरी एप्रोच के लिए स्वतंत्रता देता है। क्रिटिकल थिंकिंग व प्राब्लम साल्विंग स्किल में उच्चतम स्तर के मूल्यांकन करने के लिए प्रोग्राम स्पेसिफिक लर्निंग के जरिए एसेसमेंट प्रोसेस पूरी तरह से परिभाषित हैं।
1994 में स्थापित एन.ए.ए.सी. यूजीसी की एक स्वायत्त संस्था है जो कि हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स का मूल्यांकन करती है और उन्हें एक्रीडिटेशन देती है। असेसमेंट प्रोसीसर्ज के लिए एन.ए.ए.सी ने सात मापदंडों को अपनाया है जो कि इस प्रकार हैं क्यूरीकुलर एसपेक्ट्स, टीचिंग लनिंर्ग एंड एवेल्यूयेशन, रिसर्च इनोवेशंस एंड एक्सटेंशन, इनफ्रास्ट्रकचर्स एंड लर्निंग रिसोर्सस, स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोगेशंस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट व इंस्टीट्यूशंस वेल्यूस एंड बेस्ट प्रेक्टिसेज ।
एन.ए.ए.सी से मान्यता प्राप्त संस्थान में पढ़ाई करने से छात्रों को अत्याधुनिक तरीके से सीखने का मौका मिलता है और उन्हें ऐसी डिग्री मिलती है जिसकी वैश्विक स्तर पर मान्यता होती है। उनको तुरंत एक विश्वसनीय संस्थान के छात्र होने की तुरंत पहचान मिलती है और उन्हें प्लेसमेंट के लिए बेहतरीन मौके हासिल होते हैं क्योंकि इंडस्ट्रीज हायर ग्रेडिंग इंस्टीट्यूशंस के छात्रों को नौकरियों पर रखने को प्राथमिकता देती हैं। एन.ए.ए.सी द्वारा एक्रीडिटेशन की प्रक्रिया से गुजरने पर यूनिवर्सिटी को अपनी ताकत, कमजोरियों और अवसरों का पता चलता है। हायर एन.ए.ए.सी ग्रेड यूनिवर्सिटी में इनफ्रास्ट्रक्चर्स को बढ़ावा देने के साथ ही इंटर इंस्टीट्यूशंस इंटरएक्शन को भी बढ़ावा देता है।
यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डाक्टर वरिंदर एस कँवर ने कहा कि उद्यमिता विकास हमारे फोकस क्षेत्रों में से एक रहा है, रिसर्च व पेटेंट की फाइलिंग के लिए रिसर्च स्कालर्स व फैकल्टी के लिए सीड मनी दी जाती है। चितकारा यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के कुछ शानदार स्टार्ट- अप्स को सफल बनाने का रिकॉर्ड है जिनमें चाय नगरी, रोबो चैंप्स , एसडी एकेडेमिया जैसे स्टार्ट- अप्स शामिल हैं । उन्होंने आगे कहा कि “चितकारा एलुमनी एसोसिएशन नेटवर्क (CAAN) का मिशन पूर्व छात्रों, फैकल्टी और कर्मचारियों को उनके साझा लाभ और चितकारा के महत्वपूर्ण समर्थन और विकास के लिए विश्वविद्यालय और एक-दूसरे के साथ संपर्क बनाए रखने में सक्षम बनाना है।”
एक्रीडिटेशन एंड क्वालिटी एश्योरेंस सेल की एसोसिएट डायरेक्टर डाक्टर शैली जैन ने कहा कि “नैक द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने में अपने समर्पित और कठोर प्रयासों के परिणामस्वरूप चितकारा यूनिवर्सिटी इस रेटिंग को प्राप्त करने में सक्षम रही है। नैक द्वारा प्रदान किए गए मापदंडों और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए आवश्यक दस्तावेजों को संकलित और जमा किया गया। नैक मानकों को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता ने इस रैंकिंग को हासिल करने में चितकारा यूनिवर्सिटी की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”