नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से फोन पर बातचीत की और दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने के महत्व पर सहमति जताई। भारतीय मूल के सुनक के मंगलवार को ब्रिटिश प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से यह उनकी पहली बातचीत थी।
जॉनसन के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद एफटीए में हुई देरी
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यकाल तक दोनों देशों के बीच इस साल अक्टूबर आखिर तक एफटीए होने पर बिल्कुल रजामंदी थी और एफटीए से पहले होने वाली वार्ता लगभग पूरी हो चुकी थी। लेकिन जॉनसन के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद एफटीए में देर होने की आशंका गहराने लगी क्योंकि ब्रिटेन सेवा क्षेत्र को भारत की उम्मीद के अनुरूप खोलने के लिए तैयार नहीं दिख रहा था। ब्रिटेन के आर्थिक संकट में फंसने और राजनैतिक अस्थिरता से भी एफटीए अक्टूबर में नहीं हो सका। सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद फिर से एफटीए को लेकर आशा जगी है।
कई क्षेत्रों में ब्रिटेन के लिए अपने दरवाजे भी खोल रहा है भारत
सूत्रों के मुताबिक एफटीए ब्रिटेन की भी जरूरत है क्योंकि सप्लाई चेन के लिए ब्रिटेन चीन के विकल्प के रूप में भारत को देख रहा है। भारत इस एफटीए को अंजाम देने के लिए कई क्षेत्रों में ब्रिटेन के लिए अपने दरवाजे भी खोल रहा है। एफटीए वार्ता के दौरान दोनों देश एक-दूसरे के प्रोफेशनल्स को लेकर अपने दरवाजे खोलने के लिए राजी भी हो गए थे। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारत मुख्य रूप से रोजगारपरक क्षेत्र जैसे कि लेदर, अपैरल, जेम्स व ज्वैलरी पर लगने वाले शुल्क को समाप्त करवाना चाहता है, ताकि ब्रिटेन में इन वस्तुओं की बिक्री बढ़ सके और भारत को उसका लाभ मिल सके। ब्रिटेन के साथ एफटीए होने से ब्रांड भारत को मजबूती मिलेगी क्योंकि ब्रिटेन विकसित देश हैं। भारत यूएई और आस्ट्रेलिया के साथ पहले ही एफटीए कर चुका है।
ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री
ऋषि सुनक एक निवेश बैंकर से राजनेता बने हैं और 42 साल की उम्र में 210 वर्षों में सबसे कम उम्र के ब्रिटिश प्रधान मंत्री हैं। वह ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री भी हैं।