जयपुर में श्रद्धा हत्याकांड जैसा एक मामला सामने आया है। जहां एक इंजीनियर ने अपनी सगी ताई की सिर फोड़ कर हत्या कर दी। मर्डर करने के बाद आरोपी डेड बॉडी को घसीट कर बाथरूम में ले गया। फिर बाजार से मार्बल कटर ले आया। मार्बल कटर से डेड बॉडी के 8 टुकड़े कर दिए। और सभी टुकड़ों को एक ट्रॉली बैग में भरे और मौका पाकर इन्हें दिल्ली-सीकर हाईवे पर तीन अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए।
जानकारी के अनुसार सरोज देवी की हत्या 11 दिसंबर सुबह करीब 10:30 बजे की गई थी। आरोपी अनुज एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दिल्ली जाने वाला था। लेकिन सरोज देवी ने उसे रोक दिया। उन्होंने कहा कि मत जाओ, मेरे पास रहो। अनुज को गुस्सा आ गया और उसने हथौड़े से सरोज देवी की हत्या कर दी। उसके बाद उसने डेड बॉडी को चाकू से काटने की कोशिश की। हड्डियां नहीं कटी तो वह बाजार से मार्बल कटर ले आया। इससे बॉडी के टुकड़े-टुकड़े किए। इसके बाद 3 घंटे तक वह डेड बॉडी को ठिकाने लगाने की कोशिश करता रहा।
12 दिसंबर को आरोपी अनुज ने पूजा को कॉल कर बताया कि 11 दिसंबर की दोपहर करीब 3 बजे बड़ी मम्मी रोटी देने के लिए घर से बाहर गई थी। लेकिन अभी तक वापस नहीं आई। उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट विद्याधर नगर थाने में करवा दी है। खबर लगते ही उसी दिन बड़ी बहन मोनिका चाचा के घर आ गई। 13 दिसंबर को मोनिका घर में ही थी। अनुज दीवार पर लगे खून के धब्बे कपड़े से साफ कर रहा था। मोनिका ने उससे पूछा तो वह घबरा गया कहा कि मुझे नकसरी आ गई थी। जो दीवार पर लग गई, उसे साफ कर रहा हूं।
मोनिका को शक हुआ कि उसने छोटी बहन पूजा को कॉल कर बताया। इस पर पूजा भी अपने पति के साथ 15 दिसंबर को चाचा के घर पहुंच गई। घर पहुंचने पर पूजा ने अपनी बड़ी बहन मोनिका से अपने चचेरे भाई के बारे में पूछा तो मोनिका ने बताया कि अनुज हरिद्वार गया है। दोनों बहनों ने आपस में बातचीत की तो अनुज पर शक और गहरा हो गया। इसके बाद शुक्रवार शाम थाने जाकर दोनों बहनों ने गुमशुदा मां की हत्या का शक जताया। और दोनों बहनों का इशारा चचेरे भाई अनुज की तरफ ही था। जिसके बाद पुलिस ने अनुज को गिरफ्तार कर लिया।