हरियाणा के पयर्टन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब होम स्टे योजना को पूरे प्रदेश में शुरू करने जा रही है। पहले यह योजना 4 जिलों तक ही सीमित थी, लेकिन अब CM सैनी ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने को कहा है। 6 जून से इस योजना के लिए आवेदन शुरू होंगे। इस योजना के तहत बाकायदा युवाओं को ट्रेनिंग की जाएगी कि कैसे वे होम स्टे को संचालित कर आत्मनिर्भर बन सकते है। फिलहाल प्रशिक्षण के लिए उम्र की बाउंडेशन लगाई गई। केवल 15 साल के किशोर से 29 साल तक के युवा ही इसके लिए एलिजिबल होंगे। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में यह योजना चल रही है। वहां के युवा अपने घरों के कुछ कमरों को गेस्ट हाउस के रूप में किराए पर देकर 10 हजार रुपए प्रतिदिन तक कमा रहे है।
पहले जानिए हिमाचल में कैसे चल रही होम स्टे योजना…
हिमाचल में होम स्टे से बढ़ा रोजगार अभी हरियाणा के साथ लगते हिमाचल प्रदेश में होम स्टे की सुविधा है। यहां युवा अपने घर के कुछ कमरों को गेस्ट हाउस के रूप में किराए पर दे देते है। इनके रेट एक हजार से लेकर 10 हजार रुपए प्रतिदिन तक कमा रहे है। हिमाचल में होम-स्टे पर फरवरी 2024 तक किसी प्रकार का टैक्स नहीं था। पूर्व में सभी को टूरिज्म डिपार्टमेंट के पास केवल रजिस्ट्रेशन था। मगर, अब कांग्रेस सरकार ने होम स्टे को तीन कैटेगिरी सिल्वर, गोल्डन और डायमंड में बांटा है। इससे जहां सरकार को फायदा हो रहा है, वहीं युवाओं को भी रोजगार मिल रहा है।
सिल्वर कैटेगरी पर टैक्स नहीं, गोल्डन पर 12% हिमाचल में सिल्वर कैटेगरी में वह होम स्टे रखे गए, जिनके होम स्टे के हर कमरे का किराया 1000 रुपए या इससे कम है। इस श्रेणी के होम स्टे को टैक्स में छूट दी गई है। 1000 रुपए से अधिक 7500 रुपए तक के महंगे कमरे वाले होम स्टे गोल्डन कैटेगरी में रखे गए है। इन्हें हर हाल में जीएसटी नंबर लेना होता है और 12 प्रतिशत जीएसटी देना होता है। डायमंड कैटेगरी पर 18 प्रतिशत जीएसटी 7500 से ज्यादा प्रति कमरा किराया लेने वाले होम स्टे डायमंड कैटेगरी में रखे गए है। इन पर 18 प्रतिशत जीएसटी रखा गया है। हिमाचल में सिल्वर कैटेगरी को घरेलू दरों पर बिजली पानी का रेट फिक्स है। जबकि गोल्डन और डायमंड कैटेगिरी के होम स्टे को बिजली पानी कॉमर्शियल रेट पर मिलता है, जबकि सिल्वर कैटेगिरी के होम स्टे को बिजली-पानी घरेलू दरों को मिलता है।