चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के अधीन सहकारी समिति वीटा ने त्योहारी सीजन में घी के रेट में बढ़ोतरी करके अपने ग्राहकों को झटका दिया है। जीएसटी कटौती के साथ राष्ट्रव्यापी बचत महोत्सव की शुरुआत यानि 22 सितंबर से रेट कम बाद कंपनी ने घी की कीमत में अब अचानक नाटकीय बदलाव करते हुए 20 रुपए बढ़ा दिए है।
कंपनी के एक लीटर घी की कीमत 630 रुपए तक पहुंच गई है। इससे 15 लीटर के डिब्बे की कीमत 290 रुपए बढ़ गई है। इससे कीमतें लगभग जीएसटी कटौती से पहले के स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं को भारी नुकसान हो रहा है।
बता दें कि सरकार ने घी, मक्खन, पनीर और डेयरी स्प्रेड पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया है। इससे एक लीटर घी की कीमत (600 रुपए के पैक पर) लगभग 42 रुपए कम हो जानी चाहिए थी। हालांकि, वीटा ने आंशिक राहत ही दी थी। 1 लीटर घी के पैक पर 20 रुपए और 15 लीटर के टिन पर 300 रुपए की छूट दी थी। मगर, 27 सितंबर को, इसने फिर से कीमतें बढ़ा दीं।
- 15 लीटर टिन पर 290 रुपए बढ़े : कंपनी की ओर से जारी नई रेट लिस्ट के मुताबिक, अब एक लीटर का पैक 20 रुपए महंगा हो गया है। सरकार की घोषणा से पहले एक लीटर घी का रेट 640 रुपए था। घोषणा के बाद यानि 11 दिन पहले इसे 610 रुपए कर दिया गया था।अब यह 630 रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा 5 लीटर के टीन की कीमत 3190 से 3040 रुपए और 15 लीटर टीन की कीमत 9330 से 8890 रुपए हो गई थी। अब नए रेट दर से 15 लीटर के डिब्बे की कीमत 290 रुपए बढ़ गई है।
- प्लांट CEO बोले- पंचकूला से तय होती हैं कीमतें : जींद स्थित वीटा प्लांट के सीईओ नरेंद्र धानिया ने कहा कि उत्पादों की कीमतें पंचकूला स्थित उनके मुख्यालय में तय की जाती हैं। उन्होंने दावा किया कि दूध, घी, दही, पनीर और मक्खन की कीमतें बाजार की मांग और उपलब्धता के अनुसार बदलती रहती हैं। अन्य कंपनियों ने अगस्त में कीमतें बढ़ा दी थीं। दूध विक्रेताओं को उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए वीटा को भी ऐसा ही करना पड़ा।