ऑपरेशन शील्ड के तहत हरियाणा में 29 मई को होने वाली मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट को स्थगित कर दिया गया है। केंद्र के फैसले के बाद मॉक ड्रिल स्थगित की है। अब मॉक ड्रिल बाद में होगी, जिसकी तारीख की घोषणा केंद्र अलग से करेगा। मॉक ड्रिल में ड्रोन जैसे हवाई हमलों से बचाव का अभ्यास होना था। साथ ही सायरन भी बजने थे। इससे पहले हरियाणा में 7 मई को मॉक ड्रिल की गई थी। इस दौरान हवाई हमलों की चेतावनी के लिए सायरन बजाकर लोगों को आगाह किया गया था। रात को करीब आधे घंटे तक ब्लैकआउट रहा था।
ऑपरेशन शील्ड का मकसद क्या….
- मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के जरिए सरकार का मकसद राज्य में इमरजेंसी तैयारियों को देखना और युद्ध या हवाई हमले की सूरत में जवाब देने की क्षमता को बढ़ाना है।
- संकट के वक्त जल्दी और सही मदद हो सके, आम लोगों, सुरक्षा बलों और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल रहे, इसे सुनिश्चित करना है।
- इस अभ्यास के दौरान हवाई या ड्रोन हमले के वक्त पैदा हुई स्थिति के हिसाब से कमियों को परखकर उन्हें आगे के लिए दूर किया जाएगा।
हवाई हमले के लिहाज से हरियाणा में सतर्कता क्यों? वैसे तो हरियाणा पाकिस्तान के बॉर्डर से सटा राज्य नहीं है, लेकिन पंजाब से सटा हुआ है। पंजाब के 6 जिलों के बॉर्डर पाकिस्तान से लगते हैं। वहीं, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जब भारत पर ड्रोन और मिसाइलें दागीं तो एयरफोर्स के सिरसा एयरबेस को टारगेट करने की कोशिश की थी।
हालांकि, वह इसमें कामयाब नहीं रहा था। उसकी फतह-2 मिसाइल के सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने आसमान में ही टुकड़े कर दिए थे। वहीं, अंबाला में भी ड्रोन अटैक का अलर्ट आया था। तब प्रशासन ने कहा था कि अंबाला से 70 किमी दूर ड्रोन दिखा था। हालांकि, वह अंबाला के करीब भी नहीं पहुंच पाया था।