हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को बड़ी राहत मिली है। नारनौल की सेशन कोर्ट ने उसे 5 आपराधिक मामलों में बरी कर दिया है। महेंद्रगढ़ जिले की अलग-अलग अदालतों ने उसे दोषी ठहराया था। इसके बाद पपला ने इन फैसलों को नारनौल की सेशन कोर्ट में चुनौती दी।
शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। पपला गुर्जर पर हरियाणा और राजस्थान में हत्या, लूट, फिरौती सहित कई मामले दर्ज हैं। फिलहाल पपला गुर्जर भौंडसी जेल में बंद है। शुक्रवार को वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुआ।
फरवरी, 2014 में हुई गुरु की हत्या महेंद्रगढ़ जिले के खैरोली गांव में रहने वाले विक्रम उर्फ पपला की पहचान पहलवान के रूप में थी। 4 फरवरी 2014 को उसके गुरु शक्ति पहलवान उर्फ दूधिया की खैरोली गांव में ही हत्या हो गई। हत्या का आरोप कुख्यात बदमाश सुरेंद्र उर्फ चीकू पर लगा। पपला को पता चला कि उसके गांव खैरोली में ही रहने वाले संदीप उर्फ फौजी ने शक्ति पहलवान की मुखबिरी की है। पुलिस ने शक्ति गुर्जर की हत्या में सुरेंद्र उर्फ चीकू के साथ संदीप को भी साजिश का हिस्सेदार मानते हुए गिरफ्तार कर लिया।
2014 में पहला मर्डर किया गुरु की हत्या से शुरू हुई अदावत में पपला गुर्जर के सिर पर ऐसा खून सवार हुआ कि उसने एक महीने बाद मार्च 2014 में संदीप की मां बिमला पर घर में घुसकर हमला कर दिया। उसने बिमला के दोनों हाथ-पैर तोड़ डाले। उस समय घर में बिमला को अस्पताल पहुंचाने वाला कोई नहीं था।
महेंद्रगढ़ के ही बिहारीपुर गांव में रहने वाला बिमला का भाई महेश और पिता श्रीराम उसे लेने खैरोली गांव पहुंचे। श्रीराम अपनी बेटी बिमला को एंबुलेंस में लेकर नारनौल के लिए चल पड़े। महेश बाइक पर रवाना हुआ। पपला गुर्जर ने अपने साथियों के साथ मिलकर महेश को रास्ते में गुलावला गांव के पास रोक लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।