चंडीगढ़/पंचकुला। अहिंसा, शांति एवं सर्वधर्म समभाव जैसे महात्मा गांधी के शाश्वत आदर्शों को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने तथा वैश्विक एकता की भावना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से गांधी ग्लोबल फैमिली (जीजीएफ), नेशनल यूथ प्रोजेक्ट (एनवाईपी) एवं संत निरंकारी मिशन (एसएनएम) के संयुक्त तत्वावधान में 2 अक्टूबर से 7 अक्टूबर 2025 तक संत निरंकारी सत्संग भवन, असंध रोड, पानीपत में वैश्विक युवा महोत्सव 2025 का भव्य एवं ऐतिहासिक आयोजन किया गया। इस सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में भारत सहित विभिन्न देशों से लगभग 400 युवा प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहभागिता की, जिससे यह आयोजन विचारों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मानवता के संदेश का एक सशक्त मंच बनकर उभरा। प्रतिदिन प्रात: 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक चलने वाले विविध कार्यक्रमों में योग सत्र, श्रमदान, संवाद, भाषाओं की कक्षाएँ तथा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल रहीं। देश-विदेश से पधारे युवा कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को साकार किया। सभी प्रतिभागियों के लिए आयोजकों द्वारा नि:शुल्क आवास एवं भोजन की समुचित व्यवस्था की गई थी, जिससे सहभागिता सहज, सुगम एवं सशक्त बनी रही। 3 अक्टूबर को महोत्सव का उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में गांधी ग्लोबल फैमिली के अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री श्री गुलाम नबी आजाद जी उपस्थित रहे। उनके साथ मंच पर संत निरंकारी मिशन के सचिव श्री जोगिंदर सुखीजा एवं नेशनल यूथ प्रोजेक्ट के सचिव श्री रण सिंह परमार भी विशेष रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम के विभिन्न दिवसों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों और समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन की सार्थकता को और भी बढ़ाया। संत निरंकारी मिशन की ओर से संत निरंकारी मंडल के मेंबर इंचार्ज, प्रैस एवं पब्लिसिटी विभाग श्री राकेश मुटरेजा एवं कॉर्डिनेटर, प्रचार विभाग श्री हेमराज शर्मा की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही। उन्होंने युवाओं को मिशन के मूलभूत सिद्धांतों — ‘ईश्वर की एकता, मानव की एकता, और धर्म का सार – प्रेम’ — से परिचित कराया और बताया कि किस प्रकार आध्यात्मिक समरसता, सेवा और शांति के माध्यम से विश्व बंधुत्व की स्थापना संभव है।
‘Oneness Talk’ संवाद श्रृंखला के अंतर्गत 3 एवं 4 अक्टूबर को आयोजित सत्रों की अध्यक्षता क्रमश: श राकेश मुटरेजा एवं श्री हेमराज शर्मा द्वारा की गई। इन सत्रों में वैश्विक नागरिकता, मानवीय संवेदनाएँ, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं गांधीवादी विचारधारा जैसे विषयों पर युवाओं के विचारों का सार्थक आदान-प्रदान हुआ। इन विचार विमर्शों ने युवाओं को आत्मचिंतन, सामाजिक सहभागिता और एक शांतिपूर्ण भविष्य की दिशा में प्रेरित किया। महोत्सव के समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में गांधी जी के सिद्धांतों को आत्मसात कर न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि सामाजिक व वैश्विक स्तर पर भी शांति, सहयोग एवं सद्भावना के संवाहक बनेंगे। यह आयोजन केवल सांस्कृतिक या शैक्षणिक गतिविधियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक जीवंत वैचारिक आंदोलन के रूप में उभरा, जिसने नई पीढ़ी को गांधी दर्शन के आलोक में मानवता के सार्वभौमिक मूल्यों से जोडऩे का कार्य किया।