लुधियाना: पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा की बेसहारा पशुओं की वजह से हुई मौत का मामला हिमाचल हाईकोर्ट पहुंच गया है। एडवोकेट नवकिरन सिंह ने याचिका दायर कर कहा कि सरकार आम लोगों से काउ सेस वसूल रही है। इसके बावजूद पशुओं की देखरेख या प्रबंधन के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं। इस वजह से बेकसूर लोगों को हादसों में जान गंवानी पड़ रही है।
एडवोकेट नवकिरन सिंह ने कहा कि हिमाचल सरकार ने 100 करोड़ का काउ सेस वसूला। शराब की हर बोतल पर 10 रुपए लिए जाते हैं। सरकार के पास रुपए हैं, लेकिन प्रबंधन नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार से पूछा जाना चाहिए कि काउ सेस कहां जाता है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार को नोटिस जारी कर दिया है।
बता दें कि 27 सितंबर को राजवीर जवंदा बाइक पर बद्दी से शिमला जा रहे थे। जहां पिंजौर के पास 2 सांडों की लड़ाई से बचने की कोशिश में उनकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वह 11 दिन मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती रहे। 12वें दिन उन्होंने 35 साल की उम्र में दम तोड़ दिया। कल गुरुवार को उनका लुधियाना के गांव पौना में अंतिम संस्कार हुआ। इसके बाद परिवार ने शुक्रवार को कीरतपुर साहिब के पातालपुरी साहिब में जवंदा की अस्थियां विसर्जित कीं। इस दौरान राजवीर की मां, उनकी पत्नी और बच्चे भी मौजूद रहे। गांव पौना के सरपंच हरप्रीत सिंह ने बताया कि 17 अक्टूबर को गांव पौना में ही जवंदा का भोग है।