फतेहाबाद: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सिरसा से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी जनक अटवाल ने आज संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण बिल पर सांसद सुनीता दुग्गल द्वारा भाजपा को महिला हितैषी बताए जाने पर तीखी टिप्पणी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि महिला हितैषी होने का ढोंग करने वाली भाजपा सांसद उस समय क्यों चुप रहीं जब मणीपुर में महिलाओं का यौन उत्पीडऩ हो रहा था और वहां की भाजपा सरकार चुप थी। मणीपुर की महिलाएं तब भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करके अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगा रहीं थीं। क्यों नहीं उस समय खुद को महिला हितेषी साबित करने के लिए सांसद दुग्गल ने प्रधानमंत्री मोदी से अथवा संसद में पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलवाने के लिए कोई मांग की। अटवाल ने कहा कि यदि वास्तव में सिरसा की सांसद महिला हितेषी होतीं तो हरियाणा की महिला खिलाडिय़ों की छाती पर जब दिल्ली पुलिस के जवान पांव रख कर उन्हें रौंद रहे थे, तब पीडि़तों का पक्ष लेतीं अथवा उन्हें न्याय दिलवातीं। तब तो महिला सांसद ने पत्रकारों द्वारा इस मुद्दे पर पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब तक नहीं दिया था। कांग्रेसी नेता ने कहा कि जब हरियाणा की ही एक महिला ने प्रदेश के मंत्री पर यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए तब सांसद दुग्गल को सांप क्यों सूंघ गया था क्या। जनक अटवाल ने कहा कि इसी महिला सांसद की उपिस्थिति में और उनके ही संसदीय क्षेत्र के एक गांव में जब मुख्यमंत्री खट्टर ने बणी गांव की महिला सरपंच नैना झोरड़ की बात तक नहीं सुनीं और सरपंच ने अपना दुप्पट्टा तक उनके पांव में रख दिया था, तब महिला हितैषी होने का ढोंग करने वाली सांसद ने क्यों नहीं उस सरपंच का पक्ष लिया और उसकी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का काम किया। कांग्रेसी नेता ने कहा कि यही नहीं महिला कर्मचारियों के आंदोलन हो या फिर किसानों का आंदोलन हो, सांसद ने कभी उनके हित में कोई काम नहीं किया। उल्टा किसानों के आंदोलन में तो सांसद को अपने दिए गए बयान के लिए माफी तक मांगनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि महिला हितैषी होने का ढोंग करने वाली सिरसा की सांसद बताएं कि आज तक सिरसा संसदीय क्षेत्र में महिलाओं के किसी मुद्दे पर उन्होंने क्यों आवाज तक नहीं उठाई है।
कांग्रेसी नेता ने कहा कि वास्तव में भाजपा के दो चेहरे हैं, एक वह वोट लेने के लिए आम जनता को दिखाती है और दूसरा वह जो उसके दिलो दिमाग की सोच के अनूरूप है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा महिलाओं के आरक्षण संबंधी यह बिल विशेष सत्र के दौरान लाना वर्ष2024 के चुनाव में महिला मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए फेंका गया जुमला मात्र है, क्योंकि महिला आरक्षण संबंधी बिल सबसे पहले अगर कोई संसद में लाने वाली पार्टी थी तो वह कांग्रेस पार्टी ही थी। इसीलिए पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने पत्रकारों के पूछे गए प्रश्न के जवाब में कहा कि यह हमारा ही बिल है।