चंडीगढ़: चंडीगढ़ में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने एक महिला के बेटे और बहू के एक फ्लैट को केस में अटैच किया है। इसकी कीमत करीब 86 लाख रुपए बताई जा रही है। महिला पर लोगों से फ्लैट दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप हैं। ED ने इस मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। आरोपी मनजीत कौर के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस ने कई मुकदमे दर्ज किए थे। इसके बाद इस मामले को ED ने अपने हाथ में ले लिया था। यह महिला खुद को प्राइम मिनिस्टर ऑफिस चंडीगढ़ के प्रशासक का करीबी बताकर लोगों के साथ ठगी करती थी।
खुद को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की कमेटी का बताती थी सदस्य
एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने जब इस मामले में जांच की तो सामने आया कि यह महिला मनजीत कौर खुद को चंडीगढ़ के प्रशासक और चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष का काफी नजदीकी बताती थी। दावा करती थी कि वह उस कमेटी की सदस्य है, जिसे प्रशासक ने गठित किया है। उसने लोगों को कहा था कि कमेटी का मकसद विधवा कोटा और सीनियर सिटीजन कोटा आदि में सरेंडर किए गए फ्लैट वह उन लोगों को दिलाएगी। ED ने इस मामले में जांच के दौरान कई शिकायतकर्ताओं के बयान भी दर्ज किए हैं। वहीं उनके बैंक खातों की भी जांच की गई है। जांच के दौरान सामने आया कि घपलेबाजी में की गई कमाई से मनजीत कौर के खाते के अलावा उसकी बहू प्रदीप वेदवान और बेटा विजयपाल के खाते में भी रकम जमा कराई गई है।
लोन उतारने में किया गया ठगी की रकम का उपयोग
ED की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने अपने कुछ लोन उतारने के लिए इस ठगी की रकम का उपयोग किया गया था। इसमें संपत्तियों के बदले लिया गया एक लोन भी शामिल है। वहीं आरोपियों ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और मोबाइल जैसे सामान खरीदने के लिए लोन लिया गया था। जानकारी के मुताबिक जो फ्लैट अटैक किया गया है, वह कागजों में विजयपाल सिंह और प्रदीप वेदवान के नाम पर है। मनजीत कौर पर कई आपराधिक मामले दर्ज हो रखे हैं। वह पहले चंडीगढ़ की जेल में बंद थीष लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी।