पंचकूला, रायपुर रानी: गांव थरवा (तहसील रायपुर रानी, जिला पंचकूला) के निवासी सतवीर सिंह ने अपने घर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में माइनिंग माफिया की मनमानी और प्रशासन की निष्क्रियता पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि गांव में रोज़ाना 400 से 500 टिप्पर बिना किसी नियंत्रण के गुजरते हैं, जिससे गांव की जर्जर सड़कों पर चलना मुश्किल हो गया है। इस ट्रैफिक का सीधा असर स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और आम ग्रामीणों पर पड़ रहा है।
सतवीर सिंह ने बताया कि टिप्परों से उड़ती धूल-मिट्टी से घरों में गंदगी फैल रही है, शोर के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है और बीमार लोगों को भारी दिक्कत हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नियमों के मुताबिक जहां सिर्फ 5 फीट तक की खुदाई अनुमत है, वहां धड़ल्ले से 20 से 25 फीट तक मिट्टी निकाली जा रही है। साथ ही, मिट्टी ढोने वाले ट्रकों पर न तरपाल डाली जाती है और न ही पानी का छिड़काव किया जाता, जिससे धूल चारों ओर फैल रही है।
सतवीर सिंह ने यह भी खुलासा किया कि टिप्पर चलाने वाले अधिकतर किशोर हैं, जिनकी उम्र 16 से 18 साल के बीच है और अधिकतर के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है। उन्होंने बताया कि कई ड्राइवर नशे की हालत में गाड़ी चलाते हैं और मोबाइल फोन पर व्यस्त रहते हैं, जिससे दुर्घटनाएं आम हो गई हैं। हाल ही में टिप्परों ने गांव की पुलिया और यहां तक कि सरपंच की गाड़ी तक क्षतिग्रस्त कर दी।
उन्होंने बताया कि गांव वालों ने डीसी कार्यालय और पुलिस प्रशासन को कई बार शिकायतें दी हैं, लेकिन माफिया की ताकत इतनी है कि कुछ दिन पहले रायपुर रानी पुलिस स्टेशन में पुलिसकर्मियों के साथ ही हाथापाई कर चुके हैं। “जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो आम नागरिक की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जाए?” – सतवीर सिंह ने सवाल उठाया।
सतवीर सिंह ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं कि या तो चुप रहो वरना हाथ-पैर तोड़ देंगे या टिप्पर के नीचे कुचल देंगे। उन्होंने मीडिया और प्रशासन से अपील की कि गांव को इस भय के माहौल से बाहर निकालने के लिए तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए।
जब इस मामले में जिला उपायुक्त से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस विषय की जानकारी नहीं है, लेकिन अब वे इसकी जांच करवाएंगे और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग है कि:
* गांव में भारी वाहन चलाने पर तत्काल रोक लगे
* अवैध खुदाई की जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई हो
* बिना लाइसेंस और नाबालिग ड्राइवरों पर सख्त एक्शन लिया जाए
* गांव में सीसीटीवी कैमरे और पुलिस चौकी की व्यवस्था की जाए
ग्रामीणों को उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन अब आंखें खोलेंगे और उन्हें भयमुक्त जीवन जीने का अधिकार मिलेगा।