जालंधर: कनाडा सरकार ने भारत में एक्टिव लॉरेंस गैंग को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। यह गैंग सिर्फ भारत में ही नहीं, कनाडा में भी क्राइम कर रहा है। कनाडा के पब्लिक सिक्योरिटी मिनिस्टर गैरी अनंदसंगरी ने कहा कि हिंसा और आतंक का कनाडा में कोई स्थान नहीं है, विशेष रूप से वे जो किसी विशेष समुदाय को डर के माहौल में रखने के उद्देश्य से किए जाते हैं। इसके चलते लॉरेंस गैंग को कनाडा के क्रिमिनल कोड के तहत आतंकवादी संगठन करार दिया जाता है।
फैसले का यह असर होगा:
- गैंग की कनाडा में मौजूद किसी भी संपत्ति, वाहन, धन आदि को फ्रीज या जब्त किया जा सकता है।
- गैंग को वित्तीय मदद, यात्रा और भर्ती से जुड़े अपराध में भी कनाडाई एजेंसियों को कार्रवाई का अधिकार मिल गया है।
- अगर कोई व्यक्ति सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर लॉरेंस गैंग को संपत्ति देता है तो इसे भी अपराध माना जाएगा।
- गैंग से कनेक्शन रखने वालों की कनाडा में एंट्री भी मुश्किल होगी। सरकार के मुताबिक कनाडा के इमिग्रेशन एंड रिफ्यूजी प्रोटेक्शन एक्ट के तहत एंट्री के मामले में भी अधिकारी फैसला लेते वक्त इस फैसले को ध्यान में रखेंगे।
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कनाडा में भी लॉरेंस गैंग की मौजूदगी
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कनाडा सरकार के मुताबिक बिश्नोई गैंग एक इंटरनेशनल क्रिमिनल संगठन है, जो मुख्य तौर पर भारत में एक्टिव है। संगठन की मौजूदगी कनाडा में भी है। खास तौर पर उन क्षेत्रों में, जहां प्रवासी समुदाय बड़ी संख्या में रहते हैं। यह गैंग हत्या, गोलीबारी, आगजनी जैसे क्राइम करने के साथ धमकी व जबरन वसूली के माध्यम से आतंक फैलाता है। यह समुदायों में असुरक्षा का माहौल पैदा करता है, खासकर समाज में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले व्यक्तियों, व्यवसायों और सांस्कृतिक हस्तियों को निशाना बनाता है।
कैसे उठी लॉरेंस गैंग को प्रतिबंधित करने की मांग
- 11 अगस्त को मंत्री आनंदसंगरी को लिखा था लेटर: बीते 11 अगस्त को कनाडा की कंजरवेटिव पार्टी के पब्लिक सेफ्टी शैडो मिनिस्टर फ्रैंक कैपुटो ने सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री गैरी आनंदसंगरी को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से यह मांग उठाई थी। कैपुटो ने पत्र में कहा था कि लॉरेंस गैंग की गतिविधियां इसे आतंकी संगठन घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार प्रदान करती हैं। यह गैंग कनाडा और विदेशों में हिंसक घटनाओं की जिम्मेदारी ले चुका है। इसकी हरकतों में राजनीतिक गोलीबारी, दक्षिण एशियाई कनाडाई नागरिकों से वसूली और हिंसा जैसी गंभीर वारदातें शामिल हैं।
- गैंग ने लोगों को डराया: कैपुटो ने स्पष्ट किया था कि यह गिरोह केवल आपराधिक गतिविधियों तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीतिक, धार्मिक और वैचारिक कारणों से भी हिंसा करता है। गैंग के सदस्य इन घटनाओं को खुलकर सही ठहराते हैं, ताकि संभावित लक्ष्यों और समुदायों को डराया जा सके।
- दबाव के बाद लॉरेंस गैंग को आतंकी संगठन घोषित किया: इस पत्र के बाद ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर डेविड ईबी, अल्बर्टा की प्रीमियर डेनियल स्मिथ, ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन और सरे की मेयर ब्रेंडा लॉक समेत कई नेताओं ने भी इस मांग का समर्थन किया था। इसी दबाव और सिफारिशों के बाद अब जाकर कनाडा सरकार ने लॉरेंस गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है।